केंद्र सरकार वक्फ संशोधन बिल लाने की तैयारी में है। फिलहाल तो इसे जेपीसी में रखा गया है,जहां पक्ष-विपक्ष के सांसद समय-समय पर बैठक करते हैं,लेकिन विपक्षी पार्टियां इस बिल का लगातार विरोध कर रही हैं। ताजा विरोध उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने दर्ज कराया है। रावत का मानना है कि इस बिल के आने से देश में कट्टरता बढ़ेगी। हरीश रावत ने कहा कि अल्पसंख्यकों को और भी पीछे धकेला गया तो वह अकेले पड़ जाएंगे।

वक्फ संशोधन विधेयक पर हरीश रावत ने कहा कि अगर अल्पसंख्यकों को और भी पीछे धकेला गया,तो वे अकेले पड़ जाएंगे। इससे उग्रवाद और दूसरी समस्याएं बढ़ेंगी। यह कुछ नहीं,बस केंद्र सरकार की जिद है और इस जिद का नतीजा देश की एकता और शांति को भुगतना पड़ेगा। जब एकता और शांति नहीं होगी,तो भारत के विकास पर भी बुरा असर पड़ेगा। भारत को महान बनाने के हमारे लक्ष्य से हम थोड़ा और पीछे हट जाएंगे।

हरीश रावत ने इस बिल पर आगे कहा कि बीजेपी अभी बैसाखी पर टिकी है। एनडीए के सहयोगी दल जेडीयू, टीडीपी और लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया क्रमश:नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू और चिराग पासवान को यह समझ आ जाएगा कि यह बिल का क्या परिणाम होगा।

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